हुई बेटी की विदाई तब जाना क्या होती हे बेटी
बचपन से पला पोसा सब प्यार दिया आज जब वो दूर हुई तो जाना क्या होती हे बेटी
बेटी बलिदान का गर होती हे , जन्म से लेके मोत तक बलिदान देती हे बेटी
बचपन में भाई के लिए अपनी इछाओ की बलि देती हे बेटी
जवानी में अपने प्यार की बलि देती हे बेटी
शादी पे अपने माँ बाप की (छोड़ कर ) बलि देती हे बेटी
लडको के लिए बेटी की बलि देती हे बेटी
परिवार के लिए अपनी खुशियों की बलि देती हे बेटी
क्या कभी मर्दों ने किसी बेटी के लिए बलि दी हे
नही तो आप को कोई हक़ नही बनता की उसके सम्मान, विचारो, आदर्शो की बलि ले
हाथ बढाओ बेटी बचाओ |
आपका शुभचिंतक
लेखक – राठौड़ साब “वैराग्य”
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5/31/2012 04:58:00 AM
_▂▃▅▇█▓▒░ Don’t Cry Feel More . . It’s Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂_
बेटी हे तो हम हे
बेटी हे तो कल हे
बेटी और गाय माता
गाय माता और बेटी में कुछ फर्क नही हे