अब जाना है मुझेको, तुम आखें भिगोये बैठी हो,
तान्हायों में, खुद को समाये बैठी हो,
क्यों आई दूर इतने, की आज बाहें समेटे बैठी हो,
चल उठ, कर बिदा मुझे, क्यूँ नजरें झुकाये बैठी हो ।1।
साथ रहता हूँ जब तक, लड़ता हूँ पल पल,
ये दूरी है मीलों की, बढ़ता जाता है पल पल,
दूर होता हूँ जब भी, आहें भरता हूँ छुप कर,
ये जुदाई भी कभी, आती न कह कर ।2।
न जाएगी दूर, कर वादा ये मुझसे,
अँधेरे में दीपक, जलवाउगां तूझसे,
साथ रह के बनायेगी, जीवन को संगम,
खुदा की कसम, मंगुगाँ तुझको सातों जनम ।3।