हमेशा मेरे साथ है रहती
हर बात पे है टोकती
हर काम से है रोकती
यह मत करो, वो मत खायो
मुझे बड़ा है सताती
घर में बिखरे चीज़ों को देख
ज़ोर से है चिल्लाती.
तंग आ जाता हूँ उससे
उतारने को अपने गुस्से
डायरी लेके बैठ जाता हूँ
मन की बातें लिख देता हूँ.
फिर कुछ शब्द छनता है
पद्य सा कुछ बनता है.
उससे कहता सुनोगी प्रिये
अभी अभी लिखा है यह
वो सारे काम हटाती
अपना पूरा ध्यान लगाती
एक एक शब्द दिले में संजोती
पंक्तियों में वाह मिलाती
और फिर धीरे से बताती
हमेशा तेरे साथ हूँ रहती
हमेशा तेरे साथ हूँ रहती.