Homeकोमल प्रसाद साहूज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई KOMAL PRASAD SAHU कोमल प्रसाद साहू 27/01/2014 No Comments ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता । नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता ।। Tweet Pin It Related Posts बंद कमरों के लिए ताज़ा हवा लिखते हैं हम शिक्षक-दिवस मनाने आये हम सब लोग यहाँ पर हैं। यदि देश हित मरना पड़े मुझ को सहस्त्रों बार भी About The Author komal prasad sahu नाम - कोमल प्रसाद साहू उपाधि - '' महराज '' पिता - श्री कामराय जी साहू माता - श्रीमति निर्मलादेवी साहू जन्म स्थान - ग्राम कातलबोड जन्म दिनांक - 05-03-1988 तहसील - कुरूद जिला - धमतरी छत्तीसगढ Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.