Homeमनमोहन बाराकोटी 'तमाचा लखनवी'भूत लातों के नहीं, मानते हैं बातों से। भूत लातों के नहीं, मानते हैं बातों से। Man Mohan Barakoti मनमोहन बाराकोटी 'तमाचा लखनवी' 26/01/2014 No Comments नहीं यकीन रहा, अब तो रिश्ते-नातों से। घर के भेदियों से, परेशान उनकी घातों से। अब सिधाई का जमाना, नहीं रहा यारों- भूत लातों के नहीं, मानते हैं बातों से।। – मनमोहन बाराकोटी “तमाचा लखनवी” Tweet Pin It Related Posts “अपना मुख मोड़ लिया है ………………” चौके से बाहर हुआ, सोने के संग प्याज। त्रासदी About The Author Facebook - barakoti.manmohan Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.