रंगों से बनाई वो तस्वीर क्या ,
रंगों से सजाई वो जिन्दगी क्या,
हथेली पे न सजी वो मेंहंदी क्या,
झोली फैलाकर मांग लिया तो फकीरी क्या,
दोस्तों को धोखा देकर पाई वो कामयाबी क्या ,
उधारी रखकर बनाई वो हवेली क्या,
प्यार से न कमाई वो इज्जत क्या,
किसी के काम न आई वो जिंदगी क्या,
रंगों से सजी वो जिंदगी क्या,
sundar
धन्यवाद ..आदरणीय..
kya likhtey hai masa alha