हाल तो प्यार में सभी का अजब हुआ करता है I
दिल का लगाना तो जनाब गजब हुआ करता है I
न पूछो हाल कोई अब इन बावले मस्तानों का,
प्यार ही इन दीवानों का, मजहब हुआ करता है II
लहराता बल खाता एक समंदर हुआ करता है I
आँखे कहती है,जो दिल के अंदर हुआ करता है I
जीत लेता है दिल की बाज़ी जो इश्क़ में यारों,
वही तो बस मुकद्दर का सिकंदर हुआ करता है II
दिल में, तो किसी को नैनों में बसाना हुआ करता है I
शर्म दिल में, और होठों पे कोई बहाना हुआ करता है I
करते ही बंद पलकें, छा जाती है तस्वीर धुंधली सी,
बचपन का जाना,यही जवानी का आना हुआ करता है II
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त्रुटि हेतु क्षमा प्रार्थी – गुरचरन मेहता
मुझे मुस्कुराते देख कहीं ये न समझ लेना, कि कोई बात है।।
क्योंकि मैं मुस्कुराने की वजह नही खोजता ।
बस मुस्कुराता ही रहता हूँ ।।