जितना जो वदनाम हुआ है
उचा उतना नाम हुआ है
लोकलाज और मर्यादा का
कैसा काम तमाम हुआ है
बात सफेदी कि करता जो
उसका काला काम हुआ है
सच का पेरोकार वही है
जो झूटा बदकार हुआ है
चीर हरण और लूटपाट का
खुला आज दरबार हुआ है
सही गलत मालूम नहीं कुछ
इम्तिहान हर पार किया है
दीवाने का दिवानापन
कैसा उल्टा बार किया है
भोका खंजर उस सीने में
सच का जो इजहार किया है