Homeअयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’आँसू और आँखें आँसू और आँखें साक्षी प्रजापति अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ 18/02/2012 No Comments दिल मचलता ही रहता है । सदा बेचैनी रहती है । लाग में आ आकर चाहत । न जाने क्या क्या कहती है ।।१।। कह सके यह कोई कैसे । आग जी की बुझ जाती है । कौन सा रस पाती है जो । आँख आँसू बरसाती है ।।२।। Tweet Pin It Related Posts आँख का आँसू जन्मभूमि कर्मवीर About The Author साक्षी प्रजापति Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.