मरने के लिए छोड़ दिया?
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“अबला जीवन तेरी हाय यही कहानी ,
आँचल में है दूध ,आँखों मे पानी । ”
उपरोक्त पंक्तियों से ही प्रेरित होकर मेरा यह कहने का मन कर रहा है –
” हर बागवान तेरी हाय यही दुखद कहानी ,
हाथों में है बैसाखी ,दिल में कुर्बानी ,
बाग के हर फूल कि सह ले तू नादानी ,
तेरी ममता की कद्र न कभी बच्चों ने जानी ”
मेरा पुत्र एवं पुत्रवधु सिंगापुर में रहते हैं , अभी कुछ दिन पहले मैं अपनी पुत्रवधु के brain tumour के ऑपरेशन के सिलसिले में सिंगापुर गया था, ईश्वर कृपा से ऑपरेशन ठीक ठाक हो गया और वह अब स्वस्थ है ।
उनकी housing society के अंदर उनके एक पड़ोसी खन्ना जी से मुलाक़ात हुई , बहुत ही simple और खुश मिजाज couple हैं खन्ना जी और मिसेज खन्ना । खन्ना couple करीब 30 साल पहले भारत छोड़कर विदेश चले गए थे , पहले वो लोग gulf देशों में रहे और फिर New Zealand में जाकर बस गए जहां पर उनका अपना मकान भी है । उनका एक बेटा है जब वो पढ़ लिख कर बड़ा हुआ तो उसको सिंगापुर में job मिली, इस वजह से खन्ना साहब भी सिंगापुर आ गए और एक चार कमरों वाला बड़ा सा घर यहाँ भी खरीद लिया ।
खन्ना साहब एक month पहले ही retire हुए हैं । शाम को हम लोग टहलते थे तो उनसे परिचय हो गया । विदेश में जाकर रहो तो हमवतन की तरफ आंखे ऐसे देखती है जैसे कोई खोया हुआ भाई मिल गया हो । हम लोग शाम को रोज मिलने लगे और गपशप मारने लगे । मैंने यह observe किया की khannas बड़े ही social थे और रास्ते में सोसाइटी के सब इंडियंस उनसे hello hi करते थे । खासतौर पर बच्चों को khannas बहुत प्यार करते थे । जब हम लोग आपस में frank हो गए तो khannas ने बताया की उनका बेटा शादी के कुछ महीने बाद ही उनसे अलग हो गया और थोड़ी ही दूर एक और सोसाइटी है उसमे रहता है उसके भी एक बेटा है ।
हमने सोचा की नॉर्मल सी बात है अक्सर शादी के बाद बच्चे अलग होते ही रहते हैं आज के समाज में , क्या फरक पड़ता है , पास ही मे तो रहता है , सुख दुख में आ जा तो सकता ही है ।
खन्ना couple ने यह भी बताया की अब रिटायरमेंट के बाद सिंगापुर मे रहना बहुत expensive है इसलिए वो लोग अब दिल्ली में सैटल होने के बारे में सोच रहे है ।
एक दिन शाम को walk करने के बाद khannas हमें अपने घर ले गए । हम लोग उनके घर बैठ कर आम का पना पी रहे थे और बादाम की बर्फी खा रहे थे , उनका घर 14th floor पर था और वहाँ से पूरा सिंगापुर रात को जगमगाता दिख रहा था ।
तभी एक जापानी लड़की ने घर में प्रवेश किया और मिसेज खन्ना से हैलो कहती हुई अंदर वाले बेड रूम में चली गयी । हम पल भर को अचंभित हो गए ।
उसी क्षण मैंने खन्ना साहब की आंखो में आंसुओं की नमी देखी ,पर तुरंत ही स्वयं को सहज करते हुए बोले की जिस मास्टर बेड रूम में उनका लड़का और बहू रहते थे वो उनके shift करने के बाद उन्होने खाली छोड़ रखा था पर मिसेज खन्ना जब भी उस कमरे में जाती थी तो उनको बेटे की याद में रोना आ जाता था और डिप्रेशन में आ जाती थी इसलिए finally उन्होने उस कमरे में एक paying guest रख ली । इस से मन का तो नहीं पर घर का सूनापन थोड़ा कम हो गया है ।
बातों ही बातों में खन्ना साहब ने मुझे बताया की बेटे बहू से ताल मेल नहीं बैठ पाया जिसके कारण बेटा -बहू अलग घर लेकर रहने लगे । खन्ना साहब काफी भावुक होकर बोले ” बच्चे तो माँ बाप से अलग होकर उन्हे मरने के लिए छोड़ देते हैं”
एक छोटी सी example उन्होने दी । एक दिन बेटा बहू बोले की हम खाना बाहर खाएँगे तो खन्ना साहब ने कह दिया “तेरी माँ ने इतनी मेहनत करके तुम दोनों के लिए dinner तैयार किया अब बेकार जाएगा , फोन करके पहले से ही बता देते ?” इस पर दोनों नाराज हो गए ।
मैं इंडिया वापस लौट आया हूँ , पर मुझे रह रह कर खन्ना साहब की वो नम आंखे बागबान picture में अमिताभ बच्चन की याद दिलाती है ।
“अबला जीवन तेरी हाय यही कहानी ,
आँचल में है दूध ,आँखों मे पानी । ”
उपरोक्त पंक्तियों से ही प्रेरित होकर मेरा यह कहने का मन कर रहा है –
” हर बागवान तेरी हाय यही दुखद कहानी ,
हाथों में है बैसाखी ,दिल में कुर्बानी ,
बाग के हर फूल कि सह ले तू नादानी ,
तेरी ममता की कद्र न कभी बच्चों ने जानी “
sir,
do not think how other live their life., think how you can live your life better.
you manage to live your life own way
emotions are not the part of current and futue life
nice story.
it may be possible my view are not as per people aspection or i m young , my thinking as on day is this, in future it may be posible my thinkg will be like mr khanna’s
h c gupta
9310837137
Very touching