चल दिया है काफ़िला फिर मेरे सफ़र का
सपनो की डगर सा सागर की लहर सा
मैं चलू तो साथ चले भॅवर तूफ़ानो सा
चल दिया है काफ़िला मेरे सफ़र का
जल चले, थल चले, चले नील गगन बादल सा
मैं चालू तू चले चले दुनिया साथ सफ़र सा
चल दिया है काफिला मेरे सफ़र का
जाता साथ समुंदर पर मन मेरा पतंग सा
लाख रोकू न रुके कहता है , है आँगन माँ का
उड़ता फिरता चारो दिशा में जीवन लगे नशा सा
चल दिया है काफ़िला फिर मेरे सफ़र का
बंजारा