चलो सत्य को ढूंढें ,अरण्य में
बीझ विशाल तरुओं की मूलों में
अंनग,म्रदामय ,
मिट गया वृछ के अविर्भाव में
अवशेष बीय,
उर्वी उल्व में ……………………………..
चलो सत्य को ढूंढें ,उतप्तजनों की उद्जो में
मृत प्राय विकल हो रहे
छुधा की तपती उदरअग्नि से ,
कुपित अन्न के देव जहाँ
म्रद-मांडो में अवशेष अन्न के दाने ………..
चलो सत्य को ढूंढें ,शमशानों में ,
दुखीजनो के करुण रुदन में
पंचतत्व में हो विलीन
पावक के पावन आलिंगन में ,
प्राणों के पिंजर
अवशेष अस्थि -भस्मों में …………………..
चलो सत्य को ढूंढें, खलिहानों में
छेत्रधारों की कर्मठता से ,
जलते -तपते श्यामल शरीर,
सूखते कंठ,उत्तापित तपरितु में ,
उर्वरा मुदित ,सींचे श्रमकण
उगे प्राण मय अन्न खेत में ………
चलो सत्य को ढूंढें .