उनकी आह की आहट से पहले ही हम आह भरते हैं |
वो खुश हो या खफा हम तो इश्क करनें का गुनाह करते हैं ||
नजर से नजर मिली तो नजर का नजारा बदल गया |
दिल से दिल मिले तो दिलों का इशारा बदल गया ||
दिल की बात छोड़ कर दुनिया की बात करतें हैं |
प्यार से खफा हुए नफरत से प्यार करतें हैं ||
मोहब्बत को करके दुनियाँ से डरके |
वो हमसे तो सरके मगर फिर भी करके ||
बिना हवा के ही गुल का गुलशन महकता है |
सितारे लाख हैं ,दिन में तो सूरज ही चमकता है ||
नजर से मिली नजर फिर भी नजरिया न मिला |
तैरने वाले तैराकों को कोई दरिया न मिला ||
उनसे मिली नजर तो उनको नजर लग गयी |
हमने उतारी नजर तो उनकी नजर झुक गयी ||
आँखों की नजर से नहीं हम दिल की नजर से प्यार करते हैं |
वो दिखें या न दिखें फिर भी हम उनका दीदार करते हैं ||
हमनें तो समां जलाना आसमाँ में चाहा था |
आसमाँ भी क्या करे वहाँ फुहार का फाहा था ||
खता तुम्हारी नहीं किस्मत ही मेरी रूठी है |
आपके दिल में जगह नहीं और मेरी भी छत टूटी है ||
देनें वाले आँशुओं के शबनम नहीं समंदर दे दे |
गर नहीं बचा हो कुछ तो गमों का ही मुकद्दर दे दे ||
गर्दिशे महफिल में गर्दिशे ख़ुदा से मेरी मुलाक़ात हो गयी |
गम के नशे में गम को ही दिल में बसाने की बात हो गयी ||
अगर जुनून में आये तो हर बात बता देंगें |
वो क्या हैं उनके फरिश्तों को भी औकात बता देंगें ||
दुनियाँ के तख़्त और तालीम की अब मुझे दरकार नहीं |
हुस्न की मलिका हो अदाओं की परी हो लेकिन हो पर्वरदिगार नहीं ||
बर्फ गलनें के बाद फिर पानीं बनती है |
इश्क कर जो मरे तो कहानी बनती है ||
खता तुम्हारी नहीं किस्मत ही मेरी रूठी है |
आपके दिल में जगह नहीं और मेरी भी छत टूटी है ||
बर्फ गलनें के बाद फिर पानीं बनती है |
इश्क कर जो मरे तो कहानी बनती है ||
acharya ji aajkal aap bahut likh rahe hai aur sabse badi baat bahut achha likh rahe hai.
gurucharan ji is samay vaastav me kuch jyada hi likh raha hoon .achcha bura to aap log dekhkar batate rahiye. vise ye jyada likhna mere liye to shayad achcha nhin hai .banki aap dekhte rahana .