About The Author
मेरा नाम हरि पौडेल है।कविता लिखनी कब से सुरु की खास पता नही मुझे, लगता है शायद १५ या १६ सालका हुङ्गा।साहित्य की खास मुझे ज्ञान नही है फिर भी साहित्य से मुझे बहुत प्यार है और मै हिन्दी भाषी नही हुँ फिर भी हिन्दी से बहुत लगाव है। बस अपनी खुसि, आक्रोस, सहमति और विरोधको कागज मे उतारनेका बाल्यकाल से ही एक अच्छा होबी बन गया। जब समाज मे कुछ घटनाए घटती है जहाँ अपनी कमजोर हाथ पहुच नही पाती तब अपनेको लिखते हुए पाता हुँ।मेरी कविताए नेपाली, हिन्दी, भोजपुरी और डच भाषा मे है।
मैंने आपकी बोहोत सी कविताओं को पढ़ा है,,और काफी तो मुझे बोहोत प्रिय और रोचक भी लगे,,,आप काफी सजगता से बोहोत गहरी बातो का विश्लेषण दे देते हैं जो मुझे अत्यंत प्रभावशाली लगती है आपमें,,,,,,मै भी एक नया नया उभरने की कोशिश करता हुआ एक अच्छा कवी बनने की इच्छा रखता हू,,,आप जैसे प्रभावशाली वैक्तियो के मार्गदर्शन की मुझे बोहोत जरुरत है,,कृपा करे और समय निकाल कर मेरी गिनी चुनी खुद की लिखी हुयी कविताओं को पढ़े और मुझे फीडबैक दे,ताकि अपनी कमजोरियों को मै पहचान सकू,,मुझे बोहोत ख़ुशी होगी….मेरा नाम :कुमार आदित्य (नितेश सिंह) है .
धन्यवाद.