Homeकबीरअंखियां तो छाई परी अंखियां तो छाई परी साक्षी प्रजापति कबीर 18/02/2012 No Comments अंखियां तो छाई परी पंथ निहारि निहारि जीहड़ियां छाला परया नाम पुकारि पुकारि बिरह कमन्डल कर लिये बैरागी दो नैन मांगे दरस मधुकरी छकै रहै दिन रैन सब रंग तांति रबाब तन बिरह बजावै नित और न कोइ सुनि सकै कै सांई के चित Tweet Pin It Related Posts माया महा ठगनी हम जानी करम गति टारै नाहिं टरी मोको कहां ढूँढे रे बन्दे About The Author साक्षी प्रजापति Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.