दिल की बात क्या करें नजर से भी गरीब हो गये |
बेरहम दिल जले बने फिर भी मेरे नसीब हो गये ||
नजर में प्यार था या नजर में दरार थी |
नजर दरिया दिली या नजर दर्द धार थी ||
क्या गजब ढा गयी तुम्हारी नजाकत नजर |
नजर जिगर पे थी या जिगर के पार थी ||
गैरों ने उनको देखा तो वो उनके नसीब हो गये |
हमने प्यार से देखा फिर भी हम रकीब हो गये ||
प्यार पैदा किया तुमने हमने प्यार को पाला |
प्यार में दर्द जब आया तुम भागे छोडकर पाला ||
प्यार मीठा जहर है या दर्द-ए-गम का कहर है |
प्यार को हम न छोड़ेंगे भले हो ठंढ का पाला ||
धोखे से मिली नजर को हम दिल की नजर मान बैठे |
दिखाई जहन्नुम की राह जिसने उसे ही हमसफर मान बैठे ||
हमें लगा उन्होंने दिल का दिया जला दिया |
दिया की रोशनी से गम का मातम भगा दिया ||
वो कैसा दिया था उनका जो दिल रोशन न कर सका |
दिया ने रोशनी ना दिया सिर्फ दिल को जला दिया ||
उनसे मिलाई नजर तो नजाकत दिखा दिया |
बात दिल की पूँछी तो शराफत सिखा दिया ||
आज मै पूंछता तुमसे तुम बदली हो तो क्यूँ बदली ?
प्यार मैंने किया तुमसे फिर मेरी क्यूँ करी बदली ?
बदली ही जो बनना था तो बनती मेघ की बदली |
बरसती दहकते दिल पर तो हम भी मानते बदली ||
उनकी नजर नजर थी या दर्द-ए-गम का जहर थी |
उनकी नजर मेहर थी या जलजला-ए-कहर थी ||
मेरी शायरी सुन कर जो तेरा दिल नहीं धड़के |
मुझे लगता है दिल मे लग चुके नफरत के है तड़के ||
ये तड़के जो कभी भडके फफोले बन के फूलेंगे |
तुम मरहम साथ मे रखना ये तडके जाने कब भड़के ||
Ye Jo Aanshu Bah Rahe Hai,
Inko Bahne Do.
Ye Kah Rahe Hai Dil Ki Baat
Inko Kahne Do.
Bahut Bewaffa Ho Tum Hamko Malum Hai,
Apni Waffa Ki Baat Apne Tak Rahne Do.
अच्छा है आप अपनी संस्कृति से जुड़े है ।