वाङ्ग दीप , दीप्त वर्तिका तुझे नमन,
आकंण्ठ वात्सल्य मूरत, तुझे नमन ।
हे सुप्त अंकुरों की रण तरी !
हे सृजन तिफ़्लों की आस भरी,
हे पीत पर्णों की शबनम ! तुझे नमन।
वाङ्ग दीप , दीप्त वर्तिका तुझे नमन ।
हो शत-शतायु तेरा जीवन,
निर्बाध-निर्व्याधि हो तन-मन,
हे शारदे शारंग ! तुझे नमन ।
वाङ्ग दीप , दीप्त वर्तिका तुझे नमन ।