तेरे बिना ये दुनिया मुझे नहीं चाहिए
टूट जाए सपनोका जहां मुझे नहीं चाहिए
या खुदा देते हो क्यों कर ऐसी सजा हमें
लेते हो किसलिए इम्तहाँ मुझे नहीं चाहिए
भर दिया समंदर मेरी आँखों में तुमने
जिंदगी की ऐसी दास्ताँ मुझे नहीं चाहिए
ये कौनसी घडी में लिखी थी तकदीर मेरी
रुकती नहीं ये कारवां मुझे नहीं चाहिए
शाकी व शराब से मिटती नहीं यादे उनकी
एक रात की दिलरुबां मुझे नहीं चाहिए
हरि पौडेल
man ki baat keh di apne apni rachna kay dwara……sundar