जो बेवक़ूफ़ बनाता है जग को ,
रब उसको बेवक़ूफ़ बनाता है !!
जितना भी धन कमाया गलत तरीको से,
काम उसके नही आता है !!
जितना भी रुलाया उसने दूसरों को,
उतने ही आंसू वो भी बहाता है !!
काबिले तारीफ़ है उसका इन्साफ ,
हर एक बन्दे को वो उसकी असली जगह दिखाता है !!
जो सबको खुश रखता है,
रब उसकी ज़िंदगी खुशियों से भरता है !!
जो झूठ धोखे से दूसरो को छलता है
अपने छल का फल वो खुद भी भोगता है !!
आप की लिखी गई पंक्तियों में सच्चाई /सच का आइना साफ़ दिखता है I
जितना भी रुलाया उसने दूसरों को,
उतने ही आंसू वो भी बहाता है !!
बहुत ही बढ़िया पंकितयां है