अश्वनी ,भरणी कृतिका का पद |मेष राशि सुन्दर रचना वद ||
कृतिका त्रय पद रोहिणि जानौ |मृगशिर आधा वृषभ बखानौ ||
मृगशिरार्धम आर्द्रा आवै |त्रिपद पुनर्वसु मिथुन कहावै ||
अंतिम पाद पुनर्वसु जाना |पुष्यश्लेषा कर्कट माना ||
मघा पूर्ण अरु पूर्व फाल्गुणी | पाद उत्तरा सिंह कह गुणी ||
उत्तर फाल्गुन के हों त्रयपद | हस्त चित्रार्धम को कन्या वद ||
चित्रार्धम स्वाती को जाना |त्रय विशाख पद तुला बखाना ||
अंतिम पद विशाख अनुराधा | ज्येष्ठ पूर्ण वृश्चिक को साधा ||
मूल पूर्वा षाढ बखाना । षाढ उत्तरा पद धनु जाना ||
त्रय पद आवै षाढ उत्तरा |श्रवण धनिष्ठार्धम है मकरा ||
अर्ध धनिष्ठा शतभिष गावा | पूर्व भाद्रत्रय कुम्भ बतावा ||
पूर्व भाद्रपद एक पद , उत्तर भाद्र प्रमान |
रेवति के चारो चरण ,मीन कहहि विद्वान् ||
आचार्य शिवप्रकाश अवस्थी
9582510029