जो देखोगे दर्पन तो हम आयेंगें नजर,
ना मिटा सकोगे वो लकीरे जो दिखेंगी उम्र भर,
वक्त बे वक्त अपने अक्स से पूछ्ना, क्या पाया क्या खोया तुने सफर दर सफर,
ना साथी ना सपना ना रहा कोई अपना, अब कहेगा किसे तु अपना हम सफर !!
जी सच है , आइना सभी को असली चेहरा दिखाता है .
बहुत खूब पेश किया है आपने हकीकत को .
एक मेरा ही शेर मुझे याद आता है,
कि झूठ के सहारे ही पूरी जिन्दगी गुजार दी,
आइने के सामने कभी सच कह कर तो देखो I
ओर सच कह भी दो तो कोई बड़ी बात नहीं,
हमारी तरह कभी सच को सह कर तो देखो II
जी सच है , आइना सभी को असली चेहरा दिखाता है .
बहुत खूब पेश किया है आपने हकीकत को .
एक मेरा ही शेर मुझे याद आता है,
कि झूठ के सहारे ही पूरी जिन्दगी गुजार दी,
आइने के सामने कभी सच कह कर तो देखो I
ओर सच कह भी दो तो कोई बड़ी बात नहीं,
हमारी तरह कभी सच को सह कर तो देखो II
merii shayari ko pasand karne ka shukriyaa Gurcharan jii
kadwi sacchai ko zindagi ki muskanji…………..khub tarike se pesh kia aapne……..
dhanyawaad suhanataa jii