हमने कहा था तुम यूँ कभी भी हमको ना यूँ छोड़ जाना,
चलना हमारे साथ हमेशा आगे ना तुम दौड़ जाना I
दिल जो दिया है रखना संभाले दिल को ना यूँ तोड़ जाना,
तुम पर भरोसा किया है जो हमने मुख को ना यूँ मोड़ जाना II
प्रेम कलम से हम तुम लिखेंगे प्रेम की नई ईक कहानी,
छल-छल सी करती बहती रहेगी नदी की वो चंचल जवानी I
प्रेम के रंग में रंग जायेंगे हम तुम ओ दिलबर जानी,
राजा बनाऊँगी तुमको मैं दिल का बनूंगी तुम्हारी मैं रानी II
चैन नहीं था ईक पल का भी जब से मिले थे सनम से,
चाहा था उनको , उनको ही हमने कसम से -कसम से I
बंधन में जब हम बंध ही गए तो टूटे न अब ये बलम से,
ऐसा ही सोचा था हमने कभी जब मिले थे हम सजन से II
प्रीत की डोरी तुम संग बंधी है तुमसे ही सपने सुहागे,
किशन जी की मीरा थी जैसे दीवानी ऐसा ही कुछ मुझको लागे I
कैसे मिलेंगे फिर से कभी हम टूटेंगे जो कच्चे धागे,
हमको तो पीछे छोड़ा है तुमने निकले सभी से तुम आगे II
सिला क्या दिया है मेरी वफ़ा का खुद से तो पूछो जरा तुम,
खोटे ही निकले सिक्के हाँ तुम तो कहते थे खुद को खरा तुम I
प्यार की भाषा किसको हैं कहते हमको भी समझा दो तुम,
जो तुमने किया है गर है मोहब्बत तो मेरे लिए हो सजा तुम II
अन्दर से कैसे पीले पड़े हम क्या जाने सरसों ये पीले,
अपने ही अश्रु से भीगे हुए हम क्या जाने अम्बर ये नीले I
घाव कितने मिले हैं नुकीले रास्ते भी मिले हैं कटीले,
क्या जाने सागर कितनी है गहरी आंसुओं की मेरी ये झीलें II
किसी के भी दम पर कभी न उछलना घमंडी कभी भी न बनना,
मान को अपने खोना कभी ना इसको न देने बिखरना I
मेरे जैसे रायचंद मिलेंगे सफ़र में जिनको तुम्हे है परखना,
सुनना सभी की, करना पर मन की ऐसे ही तुम बस संवरना II
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गुरचरन मेहता
किसी के भी दम पर कभी न उछलना घमंडी कभी भी न बनना,
मान को अपने खोना कभी ना इसको न देने बिखरना I
मेरे जैसे रायचंद मिलेंगे सफ़र में जिनको तुम्हे है परखना,
सुनना सभी की, करना पर मन की ऐसे ही तुम बस संवरना II
KYA BAAT HAI MEHTAJI JAWAB NI……………LAJAWAB LINES……………
पंक्तियों को सराहने एवं पसंद करने के लिए तह दिल से आपका शुक्रगुजार हूँ जनाब शिकन जी.
poori rachna sundar hai,
ek tootel dil kee vyakhyaan hai sach se saaabor hai
yeh lines behad acchii hain
सिला क्या दिया है मेरी वफ़ा का खुद से तो पूछो जरा तुम,
खोटे ही निकले सिक्के हाँ तुम तो कहते थे खुद को खरा तुम I
प्यार की भाषा किसको हैं कहते हमको भी समझा दो तुम,
जो तुमने किया है गर है मोहब्बत तो मेरे लिए हो सजा तुम II
dear charan bhut sunder shabdo me saral bhasha me aap likhtey hi jo mann ko khi bheter tak choo jaata hi god bless u yu he likhtey rehna . kyu ki kvita likhna khuda ka verdaan hi jo her kisi ko nhi milta
aap ki rachnaaoo key kuch ansh me net sights per bhi share kerti hu