Homeगुलज़ारलम्हो पर बैठी नज्मो को… लम्हो पर बैठी नज्मो को… Muskaan गुलज़ार 26/05/2013 No Comments लम्हो पर बेठी नज्मो को तितली जाल मे बन्द कर लेना फिर काट के पर उन नज्मो को अल्बम मे पिन करते रहना जुल्म नही तो और किया है ? लम्हे कागज पर गिर के ममियाये जाते है नज्मो के रंग रह जाते है पोरों पर !! Tweet Pin It Related Posts ईंधन पेंटिंग-2 वैन गॉग का एक ख़त About The Author Muskaan Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.