मन-मंदिर में तुम्हे बसायें – जो तुम कहो
हम तुम्हारे साथी बन जायें – जो तुम कहो
चाँद तारें लेकर आयें – जो तुम कहो
किया हुआ हर वादा निभायें – जो तुम कहो
गम की परछाइयों को दूर कर
ख़ुशी का कुछ एहसास करायें
जो तुम कहो –
तुम्हारे अश्कों को पी लें
चेहरे पर मुस्कान लायें
जो तुम कहो –
उजड़ी है बस्ती उजड़ा चमन
आओ नई दुनिया बसायें
जो तुम कहो –
नफरत कर लो पहले जी भर
प्रेम का फिर तुम्हे पाठ पढ़ायें
जो तुम कहो –
पूजा के काबिल तो नहीं पर
तुम्हारे सजदे में सर झुकायें
जो तुम कहो –
आग लगा दें चिलमन में
या के फिर पर्दा उठायें
जो तुम कहो –
न मुड़ेंगे कभी मैखाने को
चलो झूठी कसम ये खायें
जो तुम कहो –
गधों के इस राज में
आदमी हम बन जायें
जो तुम कहो –
दोस्ती का पहन मुखोटा
दोस्तों की खाल खिचवायें
जो तुम कहो –
ख्वाबों की दुनिया से निकल “चरन”
हकीकत का चलो आइना दिखायें.
जो तुम कहो –
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गुरचरन मेह्ता