करते है क्यों लोग मोहब्बत, इतनी दर्द भरी दास्ताने सुनने के बाद,
क्यों ऐतबार नहीं खुद पे कि खुशियां मिलेंगी खुद को साथी बनाने के बाद ॥
आंखों मे आंसु दिल मे तन्हाई लिये होती है हर इश्क की दास्तान,
फिर भी क्यो हर कोई रोना चाह्ता है किसी पे मर मिटने के बाद ॥
नही होता प्यार के काबिल हर इन्सान,
फिर भी कितने ही दिल बर्बाद हो जाते है दिल लगाने के बाद ॥
केह्ते है शायर कि दर्द ही दर्द है इस दरिया मे,
फिर भी न जाने क्यों डूब जाना चाह्ते है लोग दर्द झेलने के बाद ॥
होती है चन्द हाथों में ही प्यार की वो लकीरें,
फिर भी कितने ही लोग हाथो की लकीरे ही मिटा बेठते है अक्सर प्यार करने के बाद ॥
झूठ बोलते है वो कि उन्हे दर्द नही होता,
मेने देखा है उन्हे तडपते हुए,अपने ख्वाब टूटने के बाद ॥
प्यार का दावा जो करते है पर करते नही प्यार तुमसे,
छोड दो उन्हे उन्ही के हाल पे, खुद ही टूट के बिखर जायेगे प्यार न मिलने के बाद ॥
गुजारिश है हर दिल से, न भागो झूठे यार के पीछे,
जला बेठोगे हर खुशी अपनी, उन्हे अपना कहने के बाद ॥
वक्त हर जख्म का मरहम है कह्ते है बडे बुजुर्ग,
कहती है ‘मुस्कान’ उसी दर्द से मिलती है जीने की नयी वजह, वक्त बीत जाने के बाद ॥
2 May 2013
वाह! लाजवाब | बहुत बढ़िया ख्याल |
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Tamasha-E-Zindagi
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bahut umda poetry hai
Wah -wah
Mahraba mahraba mahraba
bht bht shukriyaa Amrendra jii