गोरी-गोरी बाँकी छोरी, लागे चाँद की चकोरी,
धन्य भाग सासू मोरी, तोहफा पठाया है.
कंचन सी काया तोरी, काहे करे जोरा-जोरी,
मुखड़े को देख गोरी, चंदा भी लजाया है.
धक-धक होवे क्यों री, सूरत सुहानी तोरी,
दिल का भुलावा जो री, खुद को भुलाया है.
पीछे पीछे भागूं गोरी, खेलन को तोसे होरी,
मायाजाल कैसा ओ री, जग भरमाया है..