रोगों से बचाव……3 (संग्रह)
जो चाहो सौ वर्ष रहें,अमर दाँत बत्तीस |
लघुशंका और शौच में,राखो दंती पीस ||
सोंठ शकर काली मिरच, काला नमक मिलाय |
नीबू में रख चूसिये, पित्त शान्त हो जाय ||
काली मिर्च को पीसकर, घी शकर सन्ग खाय |
नेत्र रोग सब दूर हों, गिद्ध दृष्टि हो जाय ||
आँख कान के मध्य में, चूना लेप लगाय |
आई आँख अच्छी करै, और ललाई जाय ||
गुड़ के संग मिलाय के, पीपर मूल जो खाय |
बात पते की जानिये, गहरी निद्रा आय ||