हमसफ़र तुमसा प्यारा मिले न मिले!
साथ मुझको तुम्हारा मिले न मिले !
इश्क़ का कर दे इज़हार तन्हा है वो !
ऐसा मौक़ा दुबारा मिले न मिले !
जीले खुशिओं की पतवार है हाँथ में !
बहरे ग़म में किनारा मिले न मिले !
वो भी होते तो आता मज़ा और भी !
फिर सुहाना नज़ारा मिले न मिले !
साँस बनकर रहो धड़कनों में मेरी !
ज़िन्दगी फिर खुदारा मिले न मिले !
माँ की शफ़क़त जहाँ में बड़ी चीज़ है !
ये मुहब्बत की धारा मिले न मिले !
आज जी भर के दीदार कर ले रज़ा !
चाँद का ये नज़ारा मिले न मिले !