Homeएकान्त श्रीवास्तवबोलना बोलना के. एम. सखी एकान्त श्रीवास्तव 17/02/2012 No Comments बोले हम पहली बार अपने दुःखों को जुबान देते हुए जैसे जन्म के तत्काल बाद बोलता है बच्चा पत्थर हिल उठे कि बोले हम सदियों के गूंगे लोग पहली बार हमने जाना बोलना हमें लगा हम अभी-अभी पैदा हुए हैं Tweet Pin It Related Posts प्यार का शोक-गीत नहीं आने के लिए कहकर सूर्य About The Author के. एम. सखी Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.