Homeअखिलेश औदिच्यलिखता कहाँ हूँ लिखता कहाँ हूँ akhilesh audichya अखिलेश औदिच्य 21/02/2013 1 Comment लिखता कहाँ हूँ सिगरेट की मानिन्द सुलगा जिन्दगी को धुँआ जज्ब़ कर लेता हूँ राख़ झाड़ देता हूँ पन्नों पे… Tweet Pin It Related Posts बारिश ने मचलकर रात की कंबल About The Author akhilesh audichya One Response औचित्य कुमार सिंह 07/10/2015 बहुत बहुत सुन्दर । औदिच्य जी । आपकी अभिव्यक्ति प्रेरणा देने वाली है । Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बहुत बहुत सुन्दर । औदिच्य जी । आपकी अभिव्यक्ति प्रेरणा देने वाली है ।