Homeरविश 'रवि'मै हूँ तन्हा… मै हूँ तन्हा… रविश ‘रवि’ रविश 'रवि' 15/02/2013 No Comments तेरे लबों के साये में हुई आज सहर…. तेरे पहलु में छुपी है आज की शाम…. शर्माता हुआ निकला चाँद तेरे शानों की ओट से…. रात भी मांग रही है पनाह तेरी जुल्फों के आँगन में…. और मै रहा हूँ तन्हा…. आज भी. रविश ‘रवि’ Tweet Pin It Related Posts हाथों की लकीरें …. मेरा बिखरना…. रोशनी About The Author ‘रवि’ Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.