कल न आ पाया तो उदास मत होना-
रोना भी मत,
मालूम है मुझे,
क्या मायने है मेरा होना तुम्हारे लिए,
पर अगर नहीं आ पाया कल,
तो उदास मत होना।
मैं रोज सुबह,
आया करूंगा,
पहली किरण के संग,
तुलसी के सामने पसर जाउंगा,
उदास मत होना।
या फिर बस में,
सड़क के किनारे खड़े पोल पर टंगे लाईट से
रोशन करता रहूंगा ताउम्र।
या फिर चिरई बन आ आ कर,
च्ीं चीं करता,
तुम्हारे बिखेरे दाने चुनूंगा।
सुन्दर कविता कौशलेद्र जी