“नेता”
वह देखो नेता महाराज आ रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ता आसीस पा रहे हैं।
बाकी जो लोग दूर हैं खड़े । गाड़ियों से उठती धूल फाँक खा रहे हैं।
लगता है यह देष नेताओं का ही है। खुल्मखुल्ला! सारे पैंतरे जनता पर अजमा रहे हैं।
धन करोड़ों देश का ड़कारकर। आम आदमी की बात बघार रहे हैं। वह देखो नेता महाराज आ रहे हैं। वोट के लिए हमें फिर लुभा रहे हैं।
कश्मीर सिहँ
बहुत बहुत खूब कहा कश्मीर जी