Homeख़ुमार बाराबंकवीबुझ गया दिल हयात बाकी है बुझ गया दिल हयात बाकी है के. एम. सखी ख़ुमार बाराबंकवी 17/02/2012 No Comments बुझ गया दिल हयात बाक़ी है छुप गया चाँद रात बाक़ी है हाले-दिल उन से कह चुके सौ बार अब भी कहने की बात बाक़ी है रात बाक़ी थी जब वो बिछड़े थे कट गई उम्र रात बाक़ी है इश्क़ में हम निभा चुके सबसे ‘ख़ुमार’ बस एक ज़ालिम हयात बाक़ी है Tweet Pin It Related Posts ऐ मौत उन्हें भुलाए ज़माने गुज़र गये क्या हुआ हुस्न है हमसफ़र या नहीं एक पल में एक सदी का मज़ा About The Author के. एम. सखी Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.