Homeअज्ञात कवितुम ना आये तुम ना आये गोयल राजीव अज्ञात कवि 19/12/2012 No Comments तुम ना आये तुम को मैं तकती रही रात भर जलती रही गलती रही ख्वाहिशें मेरी …सीने में सिसकती रही तुम ना आये रात भर मैं….. जलती रही Tweet Pin It Related Posts सुना था हमने ग़ज़ल -दर्द को तुम धता बता देना -शकुंतला तरार Toota Dil About The Author kilkari Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.