ये जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा
कुछ तो कहती है सुबह, कुछ तो छुपा है शाम में
आगाज हुआ है जिसका, बदले वह अंजाम में
अनवरत चलते जाना है, नहीं सार है विराम में
योद्धा बनकर जीना है, जीवन के इस संग्राम में
‘जीवन चलने का नाम’ यह संदेश हमारा
ये जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा
आतंक का साया दूर हो, अमन का चमन खिले
बैर-भाव सब चूर हो, एकता के सुर मिले
मानवता की हो भावना, ना रहे कोई शिकवे गिले
कदम पे कदम बढाए जा, खुद सामने आएगी मंजिलें
कर्म-पथ पर बढें, लगाकर जोश सारा
ये जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा
हंसते-हंसाते गाते-गवाते, इस जीवन में कुछ कर जाएं
जो है दुःखी उदास, उनके दामन में खुशियां भर जाएं
प्यासी धरती की प्यासों में, नेह जल की बूंदें भर जाएं
मरकर भी आएं याद, ऐसा ही कुछ कर जाएं
जीभर कर जी लें, जीवन मेरे यारा
ये जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा
जिन्दगी जीने का यही सही तरीका…… मरकर भी आएं याद, ऐसा ही कुछ कर जाएं