Homeशादाब अजिमाबादीये कलम भी है तलवार भी है…. ये कलम भी है तलवार भी है…. shadab शादाब अजिमाबादी 21/11/2012 No Comments हौसले की बुलंद दिवार भी है , जंग के वास्ते हथियार भी है , हमें पता है मुफीद -ऐ- मसरफ , ये कलम भी है तलवार भी है !! Tweet Pin It Related Posts हर आईने में तुझको अक्सर संवरते देखा…. ऐसा लगा के क़यामत हो गई…. कभी खुद को आज़माके देखेंगे…. About The Author शादाब अज़ीमाबादी Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.