Homeशिवदीन राम जोशीन भूल सके इतने / शिवदीन राम जोशी न भूल सके इतने / शिवदीन राम जोशी Kailash Pareek Khandela शिवदीन राम जोशी 07/11/2012 No Comments मो मन माहीं बसे मन मोहन,और बसी मन राधिका रानी, नन्द यशोमती कौन बिसारत, गुवालन की छबि नाहीं भुलानी | बृज की बृजबाल वे गुजरियां, अहो! कृष्ण के संग करे मनमानी, शिवदीन, न भूल सके इतने, यमुना जल अमृत निर्मल पानी | Tweet Pin It Related Posts आत्म विश्वास (१) / शिवदीन राम जोशी काट फंद हे गोविन्द ! रे रंग डारि दियो राधा पर /शिवदीन राम जोशी About The Author Kailash Pareek Khandela कैलाश पारीक, निवासी खण्डेला, उम्र 72 वर्ष |ब्रह्मलींन संत कवि शिवदीन राम का अप्रकाशित साहित्य पुस्तक के रूप में , इंटरनेट पर, ऑडियो सीडी के रूप में पाठकों व् श्रोताओं तक पहुँचाना | Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.