Homeहरप्रसाद पुष्पकअनुभूति अनुभूति Har Pershad Pushpak हरप्रसाद पुष्पक 21/10/2012 No Comments अनुभूति आनंद की खंगालता अर्थ मे व्यर्थ मे जो देती आनंद खुजाने सा दाद/खुजली फिर पीडा असहनीय झेलता पीडा फिर भी खेलता खेल अर्थ का सम्मोहन मॄग मरीचिका का करती विकल फिर भी सुख की खोज अर्थ मे? व्यर्थ मे जीवन सफल या विफल Tweet Pin It Related Posts राजनीति जिन्दगी मेरे राम About The Author Har Pershad Pushpak Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.