Homeअज्ञात कविमाँ माँ ansh अज्ञात कवि 31/08/2012 No Comments हर माँ को यह नाज होता है उसका बेटा उसकी आवाज होता है कितना भी दूर हो वो जहाँ में माँ के दिल के पास होता है थकती नहीं उसकी आँखे रस्ता निहारते हुए हर आहट पर चेहरा उदास होता है Tweet Pin It Related Posts क्या मैं और क्या अहम निडर – शिशिर मधुकर शरारत – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा – बिन्दु About The Author ansh Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.