Homeअटल बिहारी वाजपेयीअंतरद्वंद्व अंतरद्वंद्व शहरयार 'शहरी' अटल बिहारी वाजपेयी 14/02/2012 No Comments क्या सच है, क्या शिव, क्या सुंदर? शव का अर्चन, शिव का वर्जन, कहूँ विसंगति या रूपांतर? वैभव दूना, अंतर सूना, कहूँ प्रगति या प्रस्थलांतर? Tweet Pin It Related Posts अपने ही मन से कुछ बोलें पुनः चमकेगा दिनकर ऊँचाई About The Author शहरयार 'शहरी' Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.