Homeगोपालदास 'नीरज'अब न वो दर्द अब न वो दर्द पंकज गोपालदास 'नीरज' 17/12/2011 No Comments अब न वो दर्द, न वो दिल, न वो दीवाने हैं अब न वो साज, न वो सोज, न वो गाने हैं साकी! अब भी यहां तू किसके लिए बैठा है अब न वो जाम, न वो मय, न वो पैमाने हैं मुक्तक – नीरज – Neeraj Ke Muktak Tweet Pin It Related Posts आदमी को प्यार दो कितनी अतृप्ति है दो गुलाब के फूल छू गए जब से होठ अपावन मेरे About The Author पंकज