कुछ नियम ख़ास-ओ-आम होना चाहिए
दुआ सलाम सुबह-शाम होना चाहिए
नज़र ज़रूरी है सबकी कारगुज़ारी पर
ख़ुद का मगर गिरहबान होना चाहिए
आपकी तरक्की से हम नहीं जलते
बस हर पेट में अनाज होना चाहिए
अपनी संस्कृति पर हमें बहुत नाज़ है
नेताओं को हमारे बेदाग़ होना चाहिए
जिन्हें है भाषणों का शौक,स्वागत है
बातों में शांति का पैगाम होना चाहिए
सबके लिए ज़रूरी है, आज़ादी धर्म की
धर्म के ठेकेदारों पर लगाम होना चाहिए