यह दिल भी क्या चीज है
जो हर पल ही तडपता है
शाम सुबेरे जब भी देखो
याद तुम्हारी दे जाता है
हर वक्त तुम्हारे पास में
रहने का दिल करता
जब जब पास तुम्हारे जाता
देख तुम्हे ये डरता
कही बुरा न लगे तुम्हे कुछ
यही सोचता रहता है
प्यार तुम्हे कितना करता है
फिर भी नहीं बताता है
हिमत करके आज तुम्हे मैं
दिल की बात बताता हूँ
बिना तुम्हारे जी नहीं सकता
प्यार तुम्हे इतना करता हूँ
लोकेश उपाध्याय