बात इतनी सी थी, फ़साना बना दिया,
तोडकर मेरे दिल को, अफसाना बना दिया..
टूटे दिल के टुकडो को, देखकर जी रहे है हम,
जख्म पहले ही क्या कम था जो नासूर बना दिया.
बात इतनी सी थी, फ़साना बना दिया,
तोडकर मेरे दिल को, अफसाना बना दिया..
दिल की कीमत ही नहीं कोई,
प्यार का एहसास ही नहीं कोई,
भूले वो दिन, प्यार का जिसे नाम दिया ,
दूर जाने का न कोई शिकवा ना कोई गिला,
बात इतनी सी थी, फ़साना बना दिया,
तोडकर मेरे दिल को, अफसाना बना दिया..
भुलाये वो साथ बीते पल,
बाँहों में बीता हुआ सुहाना कल,
आलम है की हम कोई है ही नहीं ,
बनके अजनबी मेरे दिल को ऐसा जला दिया ..
बात इतनी सी थी, फ़साना बना दिया,
तोडकर मेरे दिल को, अफसाना बना दिया..
Kiski yaad me Gum share kiye ja rahe hai?
Thanx Sweetu
Tum janti to ho phir kyon poochhti ho?
I love it
Thanks
Achhi hai
Thanx
शुक्रिया
Some romantic one pls
For sure.
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 18/08/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
Wow great
Thanx
Lage rahiye janab.
Mubarak ho
Thanx
शुक्रिया
Keep it up
Haan jee UP kerne ki hi koshish karunga
Very well written. I like it very much.
Suchmuch behtereen
शुक्रिया
Good one
Thanx
I hav read all of poems. This one seems the best.
Thanx for your compliment and valuable time.
A good one sir
बेहतरीन
सादर
शक्रिया यशवंत, अपना कीमती समय निकल कर रचना पदने के लिए.
Lage raho Ravi Jee
Aapki salah ka dhanywad
Behtereen nazm
Shukriya
Nice one Ravi
Thanx
Kothay thako dada?
Ai bishal prithbi te e aachhi.
Aisa hi hota hai janab
Sahi kaha mohterma.
Thanx
Aisa hi hota hai janab.
Thanx for sharing it to me
Bahut khoobsurat.