Homeअज्ञेयघास-फूल धैर्य का घास-फूल धैर्य का शहरयार 'शहरी' अज्ञेय 14/02/2012 No Comments दृश्यों के अंतराल में जीवन बिला गया संशय के दंश से साहस तिलमिला गया प्यार पर हारा नहीं अमल विनय से घास-फूल धैर्य का चुपके खिला गया! Tweet Pin It Related Posts जाड़ों मे देना-पाना जीवन-छाया About The Author शहरयार 'शहरी' Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.