फूलों में भौंरों का ठिकाना होता है
रस पीने का सिर्फ बहाना होता है
मुश्किल है, बच के रहना फूलों का
जब उनके गुंजन का तराना होता है
कुर्सी का रस नेता जब पीने लगते हैं
जनता को भारी मूल्य चुकाना होता है
खूब करते हैं, वोट की मस्ती में वादें
मकसद तो सत्ता में आना होता है
बुझ रही है देखो, जनता की मशाल
उसे फिर…..फिर सुलगाना होता है