१. छुटकी मुट्की घुटकी
नटखट अलबेली छैलछबीली
प्यारी सी लागे उसकी अठखेली
२. गिलहरी मानो उसकी सहेली
नाच नचईया, धिक् ता तईया
हर कोने में उसकी छईयाँ
३. सुर सरस्वती उसके कंठ विराजे
चूँ चूँ करती चिड़िया लागे
सबके मन को भयो अतिभावे
४. चैं चैं – चैं चैं जब वो चिल्लाये
धरा नभ, सब एक हो आये
सब दौड़ें उसे मनाये
५. दुदद्ल बेल का मुँह चिढ़ाये
धरा पर लेटे जब गुस्सा दिखाये
देख उसे तो, कृष्ण डर जाये
६. छुटकी मुट्की घुटकी
नटखट अलबेली छैलछबीली
मन भाये उसकी अठखेली
यहाँ पर मौजूद सभी महान हस्तियों को मेरा नमस्कार –
विज्ञान का छात्र होने के कारण मेरा हिंदी शब्दकोश थोडा कमजोर है और साथ ही शब्दों के अर्थ से अनभिज्ञ होने के कारण उनके चयन में समस्या होती है …………इसलिए उपरोक्त रचना में मुझे आपसे थोड़ी सहायता चाहिए | ५ भाग में “दुदद्ल बेल ” के स्थान पर पहले मैंने ” बट बेल ” शब्द का चयन किया था पर मैं थोडा दुबिधा में पड़ गया …………”दुदद्ल” (दुद्द्ली ) पहाड़ी भाषा में एक बेल (पौधे) को कहते हैं. अगर इसके स्थान पर आपके पास कोई सुझाव है तो कृपया मार्गदर्शन करें | धन्यवाद