Homeशिवदीन राम जोशीमन की क्या परतीत मन की क्या परतीत Kailash Pareek Khandela शिवदीन राम जोशी 17/06/2012 No Comments मन की क्या परतीत रीत है मन की न्यारी | मन मातंग बलवान समझ थोरी में सारी || अंकुश ज्ञान समान और अंकुश ना यारो | छिन में मन उड़जाय सज्जनों बात विचारो || संत शरण शरणागति मन की छूटे दौर | शिवदीन भरोसो संत पर नहीं मंत्र कोई और || राम गुण गायरे || Tweet Pin It Related Posts लंगोटी लगाने से जटा के बढ़ाने से / शिवदीन राम जोशी सच है, संदेह का काम नहीं है / शिवदीन राम जोशी मन अब तो जाग / शिवदीन राम जोशी About The Author Kailash Pareek Khandela कैलाश पारीक, निवासी खण्डेला, उम्र 72 वर्ष |ब्रह्मलींन संत कवि शिवदीन राम का अप्रकाशित साहित्य पुस्तक के रूप में , इंटरनेट पर, ऑडियो सीडी के रूप में पाठकों व् श्रोताओं तक पहुँचाना | Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.