जय-जय रघुनन्दन, तेरी माया |
तेरी लीला, है या लीला, लीला-लीला, तेरी माया || जय…
भेद आजतक मिला न काहू, चोर लगे अनगिनती साहू |
राजा रंक हार गए सूरा, ज्ञान अनूठा ये दरसाया || जय…
वेदाचारी पार न पाया, राम नाम सब ही ने गाया |
कहे शिवदीन, है अलख निरंजन, चहुँ ओर में तेरी छाया || जय…
संत समागम बिना करे रे, कारज एको नहीं सरे रे |
संत समझ के सूरे पूरे, साधू भेद बताया || जय…
जो लख लीन्हा सरूप चिन्हा,भूल गया वह मरना जीना |
मौन हो गया ना वह बोले, मन में राम रमाया || जय…